Sunday 3 March 2013

फव्वारे , फुलझडियां

एक पति अपनी पत्नी की रोज की चिक चिक से परेशान होकर घर छोड़ कर चल दिया । उसने शहर छोड़ कर जाने की इच्छा से ट्रेन का टिकट लिया जैसे ही ट्रेन मे चढ़ने लगा कहीं से आवाज आई कि - अरे सुन मत चढ़ ट्रेन का एक्सीडेंट हो जायेगा । वह डर कर झट से उतर गया । सोचा चलो बस से चलते है और बस का टिकट लेकर जैसे ही चढ़ा वही आवाज फिर आई - अरे मत चढ़ बस आगे जाकर भिड़ जाएगी। वह झट से उतर गया । फिर वह जहाज से जाने कि इच्छा से एरोड्रोम पहुँच गया और ये सोचते हुए कि चलो पागल पत्नी और उस अनजानी आवाज से छुटकारा मिला जो बारबार डरा रही है , जैसे ही चढ़ा वही आवाज फिर आई - अबे कहाँ जा रहा है नीचे उतर प्लेन क्रैश होने वाला है । वह दौड़ कर उतर  गया । नीचे आकर इधर उधर देखा कोई न दिखा , वह ज़ोर से चिल्लाया कौन हो भाई जरा सामने  तो आओ इतनी देर से रास्ता बताए जा रहे हो । आवाज ने कहा - भगवान हूँ तुम्हारा भला चाहता हूँ । पति रोते हुए बोला - हे भगवान जब मै घोड़ी चढ रहा था तब क्या आपकी आवाज बैठ गई थी या तब मेरा भला नही चाह रहे थे।